पारद शिवलिंग महत्व - AN OVERVIEW

पारद शिवलिंग महत्व - An Overview

पारद शिवलिंग महत्व - An Overview

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 मोक्ष प्राप्ति का द्वार खोलता है पारद शिवलिंग।

आप जितनी बार उसे हथेली पर घिसेंगे वह उतनी बार कालीक छोड़ेगा लेकिन शिवलिंग कभी काला नहीं होगा वह हमेशा चांदी की तरह चमकता रहेगा।

शालिग्राम को स्थापित करने से पूर्व इसे गंगाजल अथवा कच्चे दूध में डालकर इसे शुद्ध करें।

ज्या घरात पारद शिवलिंग असेल तेथे धन धान्य, आरोग्य ,पद प्रतिष्ठा , सुख , भरभराटीचे असते.

इसकी स्थापना सोमवार के दिन चंद्र के होरा में करें।

पारा इस धरती पर तरल रूप में प्राप्त होता है और पारा प्राकृतिक रूप से काफी जहरीला भी होता है।

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इस शिवलिंग की स्थापना आप सोमवार या चंद्र के किसी भी नक्षत्र यानि रोहिणी, हस्त या श्रवण नक्षत्र में कर सकते हैं।

पारद शिवलिंग को घर में रखना चाहिए या नहीं

उपरोक्त विधि को करने के पश्चात आप बुधवार को अथवा अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र में इसे स्थापित करें।

- थाल या पात्र में एकत्रित जल को पौधों में डाल पारद शिवलिंग कैसे बनता है सकते हैं.

तत्क्षणद्विलयं यान्ति रसलिंगस्य दर्शनात्।।

पारदेश्वर मंदीर परभणी शहरात स्थित असून परभणी रेल्वे स्टेशन दक्षिण मध्य रेल्वे क्षेत्राचे सिकंदराबाद-मनमाड विभागात स्थित आहे. औरंगाबाद, मुंबई, नागपूर, पुणे आणि अजमेर सारख्या महाराष्ट्रातील प्रमुख शहरांपर्यंत परभणी रेल्वेमार्गाने जोडली आहे.

गंगाखेड हा भारताच्या महाराष्ट्र राज्याच्या परभणी जिल्ह्यातील एक तालुका आहे….

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